‘आवारा मसीहा’ यह किताब लेखक विष्णु प्रभाकरजी ने मार्च 1974 में प्रकाशित की। इस पुस्तक में शरतचन्द्र चटर्जी के जीवन के बारे में विस्तार से बताया गया है। ‘आवारा मसीहा’ यह किताब का अनुवाद अनेक भाषाओं में प्रकाशित हो चुका है। इस पुस्तक में उनके अपने चरित्र के विभिन्न पहलुओं को उजागर करने वाली कुछ और कथाएँ बताई गई है। शरतचन्द्र भारत के सर्वप्रिय उपन्यासकार थे। उन्हें बंगाल में जितनी ख्याति और लोकप्रियता मिली, उतनी ही हिन्दी में तथा गुजराती, मलयालम तथा अन्य भाषाओं में भी मिली। उनकी रचनाओं की विशिष्टता के कारण उनको देशभर से बहुत प्यार मिला।