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Bhoutiki Bhag 2 class 12 - S.C.E.R.T Raipur - Chhattisgarh Board: भौतिकी भाग 2 कक्षा 12 - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड

by Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad Raipur C. G

भौतिकी भाग 2 कक्षा 12 वीं का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठपुस्तक में छह अध्याय दिये गये है, जिसमे हर अध्याय के विवरण कि व्याख्या कि गई है ।

Hindi (Apexit) class 10 - GSTB: हिंदी (एपेक्सिट) कक्षा 10 - जीएसटीबी

by Navneet

ધોરણ ૧0 અપેક્ષિતમાં 4 વિભાગ આપેલ છે જેમાં 30 પ્રશ્નસંગ્રહો આપેલ છે અને ૨ આદર્શ પ્રશ્નપત્ર આપેલ છે.

Rasayan Bhag 2 class 12 - S.C.E.R.T Raipur - Chhattisgarh Board: रसायन (भाग 2) कक्षा 12 - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड

by Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad Raipur C. G.

रसायन (भाग 2) कक्षा 12 वीं का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में रसायन विज्ञान की मूल अवधारणाओं, परमाणु की संरचना, गुणधर्मों में आवर्तिता, रासायनिक आबंधन तथा विभिन्न प्रकार की अभिक्रियाओं से अवगत किया गया है। इस पाठ्यपुस्तक में सात अध्यायों का विवरण किया गया है। उसके साथ साथ कुछ अभ्यासार्थ प्रश्नों के उत्तर और तकनीकी-शब्दसूची भी पाठ्यपुस्तक दि गई है।

Rasayan Bhag 1 class 12 - S.C.E.R.T - Raipur Chhattisgarh Board: रसायन भाग 1 कक्षा 12 - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड

by Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad Raipur C. G.

रसायन भाग 1 कक्षा 12 वीं का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में रसायन विज्ञान की मूल अवधारणाओं, परमाणु की संरचना, गुणधर्मों में आवर्तिता, रासायनिक आबंधन तथा विभिन्न प्रकार की अभिक्रियाओं से अवगत किया गया है। इस पाठ्यपुस्तक में नौं अध्यायों का विवरण किया गया है।

Samajik Vigyan Bhugol Bhag 2 class 6 - S.C.E.R.T. Raipur - Chhattisgarh Board: सामाजिक विज्ञान भूगोल भाग 2 कक्षा 6 - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड

by Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad Raipur C. G.

सामाजिक विज्ञान भूगोल भाग-2 (पृथ्वी : हमारा आवास) कक्षा 6 वीं का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठपुस्तक में नो अध्याय दिये गये है, जिसमे हर अध्याय के विवरण कि व्याख्या कि गई है । इस पुस्तक में सौरमंडल में पृथ्वी, ग्लोबः अक्षांस एवं देशांतर, पृथ्वी की गतियाँ, मानचित्र, पृथ्वी के प्रमुख परिमंडल, पृथ्वी के प्रमुख स्थलरुप, भारत देश, भारत में जलवायु, वनस्पती तथा वन्य प्राणी आदि के बारे में बताया गया है।

Ministry Of Ayush: आयुष मंत्रालय

by Government of India Ministry of Ayush

COVID-19 संकट के दौरान स्वयं की देखभाल और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक उपाय

Clinical Acupressure: क्लीनिकल एक्यूप्रेशर

by Sudhir Somaiya

क्लीनिकल एक्यूप्रेशर ये किताब हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस किताब मे योग और आयुर्वेद द्वारा समस्त रोगों की चिकित्सा प्राण तत्व के संतुलन की अवधारणा पर आधारित है, तथा यही आधार प्राचीन चिकित्सा पद्धति एक्यूप्रेशर और एक्यूपंक्चर का भी है । यह किताब हमारे प्रेरणा स्त्रोत समस्त योगाचार्य, आयुर्वेदाचार्यों एवं एक्यूप्रेशर संशोधकों को समर्पित है ।

Jungal jahan shuru hota hai: जंगल जहाँ शुरू होता है

by Sanjeev

पिछले कुछ वर्षों में हिन्दी लेखकों ने बहुधा अनछुए, परित्यक्त और वर्जित क्षेत्रों की यात्राएँ की हैं - जनजातियाँ, कोयला खदान, समुद्र, अन्तरिक्ष, तकनॉलॉजी और वे तमाम क्षेत्र जहाँ जिन्दगी साँस लेती है।

Sawdhan Neeche Aag Hai: सावधान नीचे आग है

by Sanjeev

चन्दनपुर के नीचे आग धधक रही है । लोगों में आग है, उनकी नसों के बिलकुल करीब...आग ही आग...लाल-सुर्ख. ..तपती हुई... । यह आग हो सकता है कि कभी किसी बड़े परिवर्तन का सूत्रपात करे लेकिन अभी तो वह सिर्फ लोगों को जला रही है । तिल-तिल करके जल रहे हैं वे, अपनी छोटी-छोटी अपूर्ण इच्छाओं के साथ । जिन्दगी बीभत्सता की हद तक सड़ी हुई...नर्क. .. । दलालों, सूदखोरों और गुंडों के बीच पिसते, कोयले की गर्द फाँकते, चन्दनपुर के खदान मजूदूर यह अच्छी तरह जानते हैं कि उनके बजाय उनकी औरतों को ही पहले काम क्यों दिया जाता है । ' 'सच तो यह है कि जिनके हाथ में कानून और पावर है, सब चोर हैं । मेहनत, ईमानदारी की कोई कदर नहीं । जो लूट रहा है, लूट रहा है, जो बिला रहा है, बिला रहा है.. .यह समूचा इलाका ही बैठ जाएगा एक दिन जल-जल कर' ' -मेवा के इस कथन में आक्रोश के साथ लाचारी है, खीज है । संजीव की कहानियों में शुगरकोटेड यथार्थ नहीं होता और न ही मनोरंजन । समाज के जिस वर्ग की जिंदगी के बारे में वे लिखते हैं, उसकी पीड़ाओं की तह तक उतर जाते हैं । अब तक दर्जनों चर्चित कहानियों के लेखक संजीव के इस उपन्यास में विषय की गहराई, उसकी समझ और पकड़, शैली और शिल्प के अतिरिक्त जो प्रतिबद्धता है, हर पाठक को उसका कायल होना पड़ेगा ।

Sutradhar: सूत्रधार

by Sanjeev

अपनी रचनात्मक ज़मीन और लेखकीय दायित्व की तलाश करते हुए एक ईमानदार लेखक प्रायः स्वयं को भी रचने की कोशिश करता है। अनुपस्थित रहकर भी वह उसमें उपस्थित रहता है; और सहज ही उसे देश-काल को लाँघ जाता है जो आकर उसे देता रहा है। समकालीन कलाकरों में संजीव की मौजूदगी को कुछ तरह देखा जाता है। आकस्मिक नहीं कि हिंदी की यथार्थ कथा-परम्परा को उन्होंने लगातार आगे बढ़ाया है।

Sanjeev Ki Katha-Yatra Doosra Parav: संजीव की कथा-यात्रा-दूसरा पडाव

by Sanjeev

कैसे कहें कि कहानी सीप के कीड़े द्वारा मोती रचने जैसा कर्म है, कैसे कहें कि कहानी कुम्हार द्वारा घड़ा या मूर्तियाँ बनाने जैसा उद्यम है, कैसे कहें कि कहानी किसान द्वारा फसल पैदा करने या गायक द्वारा राग साधने जैसा श्रम है। कितने नदी-नालों, गड़हों, समुद्र या अन्य स्रोतों के जल-सा उसके अवयव अणु-अणु घटनाओं, पात्रों, चरित्रों, संवेदनाओं आदि रूप में बादलों की तरह आकार लेते हैं, कभी उड़ जाते हैं और कभी संघनित होकर बूंद-बूंद बरसते हैं, कभी कोहरा, कभी शबनम, कभी रिमझित तो कभी धार-धार...!

Sanjeev Ki Katha-Yatra Pahala Parav: संजीव की कथा-यात्रा पहला पड़ाव

by Sanjeev

प्रस्तुत कहानियाँ तीस वर्षों के आज़ाद भारतीय मानस के कैनवस पर उभरे आर्थिक, नैतिक, राजनैतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक यथार्थ की शिनाख्त हैं। सच समझना बड़ा दुष्कर है, बोलना और भी दुष्कर और सच को झेलना सबसे दुष्कर। कहानी मेरे लिए मौज-मस्ती का अंग नहीं है जो गुदगुदा सके। जहाँ ज़ख्म और फफोले हैं, वहाँ सोच को भटकाना मैं जघन्य अपराध मानता हूँ अतः उस तरह के अफ़ीम के व्यापारियों से हमारी राह अलग है। अगर ज़ख्म रिसते हैं तो इस हक़ीक़त को छुपाना, कराह और आक्रोश के कण्ठस्वर को रोकना, आत्मघात और कायरता है। इसीलिए निदान के लिए सभी तरह के तर्कसंगत प्रयासों को जुबान देना मैंने अपना फ़र्ज़ समझा है।

Sanjeev Ki Katha-Yatra Teesra Parav: संजीव की कथा-यात्राः तीसरा पड़ाव

by Sanjeev

महाकाल और महाकाली मेरे लिए आस्तिकता के पर्याय नहीं, समय और शक्ति की द्वंद्वात्मकता के प्रतीक हैं, आततायियों के विनाश के बाद सूजन की ओर लौट चलने की अनुप्रेरणा ही मेरे लिए जीवन संघर्षों का सार है।

Sarkas: सर्कस

by Sanjeev

प्रतिपल कुछ टूट रहा है, मगर उसी तरह कुछ जुड़ भी रहा है क्या? अगर कुछ जुड़ रहा हो तो वह क्या और कितना है?

Phans: फांस

by Sanjeev

संजीव 38 वर्षों तक एक रासायनिक प्रयोगशाला, 7 वर्षों तक 'हंस' समेत कई पत्रिकाओं के सम्पादन और स्तम्भ-लेखन से जुड़े संजीव का अनुभव संसार विविधता से भरा हुआ है, साक्षी हंम उनकी प्रायः 150 कहानियाँ और 12 उपन्यास। इसी विविधता और गुणवत्ता ने उन्हें पाठकों का चहेता बनाया है। इनकी कुछ कृतियों पर फिल्में बनी हैं, कई कहानियाँ और उपन्यास विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों में हैं। अपने समकालीनों में सर्वाधिक शोध भी उन्हीं की कृतियों पर हुए हैं। 'कथाक्रम', 'पहल', 'अन्तरराष्ट्रीय इन्दु शर्मा', 'सुधा-सम्मान' समेत अनेक पुरस्कारों से सम्मानित... । नवीनतम है हिन्दी साहित्य के सर्वोच्च सम्मानों में से एक इफको का श्रीलाल शुक्ल स्मृति साहित्य सम्मान-2013। अगर कथाकार संजीव की भावभूमि की बात की जाये तो यह उनके अपने शब्दों में ज्यादा तर्कसंगत, सशक्त और प्रभावी होगा-“मेरी रचनाएँ मेरे लिए साधन हैं, साध्य नहीं। साध्य है मानव मुक्ति।”

Pattakhor: पत्ताखोर 

by Madhu Kankariya

स्वातंत्र्योत्तर भारतीय समाज में हमने जहाँ विकास और प्रगति की कई मंजिले तय की हैं वहीं अनेक व्याधियाँ भी अर्जित की हैं। अनेक समाजार्थिक कारणों से हम ऐसी कुछ बीमारियों से घिरे हैं। जिनका कोई सिरा पकड़ में नहीं आता।

Bhartiya Kavya Shastra Avam Pashchatya Sahitya Chintan B.A. SEM-V Ranchi University, N.P.U: भारतीय काव्यशास्त्र एवं पाश्चात्य साहित्य चिन्तन बी.ए. सेमीस्टर-V राँची यूनिवर्सिटी, एन.पी.यू.

by Sabhapati Mishra

प्रस्तुत पुस्तक ‘भारतीय काव्यशास्त्र एवं पाश्चात्य साहित्य चिन्तन’ डॉ. सभापति मिश्र द्वारा लिखित है, जो जयभारती प्रकाशन, इलाहाबाद द्वारा चतुर्थ संस्करण के रूप में प्रकाशित किया जा रहा है। इस पाठ्यपुस्तक में काव्यशास्त्र प्राचीन ज्ञाशशाखा है जो अद्यतन प्रवाहित है। इस शास्त्र की एक सुंदीर्घ परम्परा रही है जिसका प्रवर्तन आचार्य भरतमुनि के 'नाट्यशास्त्र' में दृष्टिगोचर होता है। इसी प्रकार अरस्तू ने 'पोइटिक्स' में काव्यशास्त्र के सिद्धान्तों का निरूपण किया है। काव्यशास्त्र का प्रमुख उद्देश्य काव्य के तत्त्वों का विवेचन करना एवं काव्य के स्वरूप का निरूपण करना है। काव्यशास्त्र में अमिधा, लक्षणा और व्यंजना तीन शब्दशक्तियाँ मानी गयी हैं। काव्य सर्जन महाकाव्य, खण्डकाव्य, गीतिकाव्य आदि रूपों में होता है। काव्यशास्त्र के अन्तर्गत विविध काव्यभेदों के सिद्धान्त निरूपित किये गये हैं। काव्यभेदों के स्नान गद्य के भी भेद हैं। प्रस्तुत पुस्तक में भारतीय काव्यशास्त्र के साथ-साथ पाश्चात्य साहित्य-चिन्तन का विवेचन किया गया है।

UGC NET JRF SLET - General Paper 1 - Shikshan Aur Shodh Abhivrutti: यू.जी.सी नेट/जेआर एफ/सेट - सामन्य पेपर 1 - शिक्षण और शोध अभिवृत्ती

by Arihant Limited

शिक्षण और शोध अभिवृत्ती सामन्य पेपर 1 अरिहन्त पब्लिकेशन्स (इण्डिया) लिमिटेड ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठ्यक्रम के अनुसार 10 इकाइयों (शिक्षण अभिवृत्ति, शोध अभिवृत्ति, बोध, सम्प्रेषण, गणितीय तर्क और अभिवृत्ति, युक्तियुक्त तर्क, आँकड़ों की व्याख्या, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी, लोग, विकास एवं पर्यावरण तथा उच्च शिक्षा प्रणाली) में विवरण की व्याख्या की गई है । पुस्तक में विद्यार्थियों को समझाने के लिए सरल भाषा के साथ जगह-जगहें पर उदाहरण, फ्लोचार्ट, चित्र, एवं नवीन तथ्यों इत्यादि का समावेश किया गया है तथा वर्ष 2018 (दिसम्बर और जुलाई) के हल प्रश्न-पत्रों को विस्तृत व्याख्या के साथ दिया गया है।

Hindi class 9 - S.C.E.R.T - Kerala Board: हिंदी कक्षा 9 - एस.सी.ई.आर.टी. - केरला बोर्ड

by Rajya Shaikshik Anusandhan Evam Prashikshan Parishad Kerala

हिंदी कक्षा 9वी यह पाठ्यपुस्तक राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद्, केरल (शिक्षा विभाग, केरल सरकार) ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठपुस्तक में पाँच इकाई दि गई है। इस पाठ्यपुस्तक में कहानी, कविता, पटकथा, डायरी, लेख, व्यंग्य लेख, पत्र, संस्मरण आदि आपकी पसंद की विभिन्न विधाएँ हैं। राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क (NSQF) के मुताबिक कौशल विकास के अनुरूप गतिविधियाँ इसमें हैं। साथ ही आपदा प्रबंधन और जीवन कौशलों पर ध्यान दिया गया है। क्यू आर कोड (त्वरित प्रतिक्रिया संकेतावली) का प्रयोग भी पाठ्यपुस्तक में है। इसके साथ सूचना प्रौद्योगिकी का भरसक लाभ उठाया गया है, हिंदी भाषा और साहित्य पर अपना अधिकार पाने के साथ-साथ देश के सतर्क नागरिक के रूप में अपने विकास में भी यह मदद करेगी।

Hindi class 8 - S.C.E.R.T - Kerala Board: हिंदी कक्षा 8 - एस.सी.ई.आर.टी. - केरला बोर्ड

by Rajya Shaikshik Anusandhan Evam Prashikshan Parishad Kerala

हिंदी कक्षा 8वी यह पाठ्यपुस्तक राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद्, केरल (शिक्षा विभाग, केरल सरकार) ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठपुस्तक में पाँच इकाई दि गई है। इस पाठ्यपुस्तक में साहित्यिक विधाएँ- कहानियाँ, कविताएँ, एकांकी, लेख आदि सम्मिलित हैं, इन्हींके साथ दैनिक व्यवहार में आनेवाली कुछ व्यावहारिक विधाएँ भी हैं। इनमें से गुज़रकर हिंदी भाषा और साहित्य के बुनियादी अंशों को समझाने की भरसक कोशिश की गई है।

BSWE 001 Samaj Karya Parichay - Khand 3 Samaj ka Parichay - IGNOU: BSWE 001 समाज कार्य परिचय - खंड 3 समाज का परिचय – इग्नू

by Indira Vishvavidyalaya

BSWE 001 समाज कार्य परिचय - खंड 3 समाज का परिचय – इग्नू यह किताब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है । इस खंड में पाँच इकाइयाँ हैं, इस पाठ्यक्रम में समाज का परिचय दिया गया है। इस खंड में समाज शास्त्र की मूल अवधारणाओं के संबंध में बताया गया है। इस ज्ञान का अनुप्रयोग समाज कार्य प्रणालियों के माध्यम से किया गया है। समाज कार्य के द्वारा इन विषयों से उधार लिया गया ज्ञान रचनात्मक कार्यों में उपयोग किया गया है। पहली इकाई में मूल सामाजिक अवधारणाओं के बारे में जानकारी दी गई है जिसमें समाज कार्य व्यवहार में लगातार प्रयोग होने वाली सामाजिक शब्दावली की जानकारी के साथ विषय के संबंध में विस्तार से बताया गया है। दूसरी इकाई में समाज का मूल्यांकनः प्रकृति और विशेषताओं की चर्चा है। तीसरी इकाई में सामाजिक प्रक्रिया पर चर्चा की गई है। चौथी इकाई में 'सामाजिक परिवर्तन' सामाजिक परिवर्तन और सामाजिक परिवर्तन में शामिल कारकों का उल्लेख किया गया पाँचवी इकाई सामाजिक नियंत्रण पर है, जो कि सामाजिक नियन्त्रण की अवधारणा से संबद्ध है।

Punar Milan

by Penny Jordan

Jab ek vivah samaroh mein Bel ne apne purva pati Luke ko pass bethe dekha, toh woh samaj gayi ki ab dhamaka hona tay hai. Use ab bhi is baat par yakin tha ki wahi uske jeevan ka ekmatra sachcha prem hai- aur yah unke purva bhavavesh ki chingari ko dobara sulgaane ke liye bilkul upyukt mauka tha...

Bhartiy Itihaas Main Mahilayen M.A. SEM-II Ranchi University, N.P.U: भारतीय इतिहास में महिलाएँ एम.ए. सेमीस्टर-II राँची यूनिवर्सिटी, एन.पी.यू.

by K. L. Khurana S. S. Chauhan

प्रस्तुत पुस्तक भारतीय इतिहास में महिलाएँ, डॉ. के. एल. खुराना और डॉ. एस. एस. चौहान द्वारा लिखित है, जो लक्ष्मी नारायण अग्रवाल ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है। इस पाठपुस्तक में बीस अध्याय दिये गये है, जिसमे हर अध्याय के विवरण कि व्याख्या कि गई है । पुरुषों की तुलना में भारत में महिलाओं की संख्या कदाचित् कम नहीं है, इस तथ्य को नकारा नहीं जा सकता कि एक स्वस्थ समाज के निर्माण में भी महिलाओंने महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह किया है । समाज व देश के आदर्शों और उच्चतम मूल्यों का संरक्षण भी उन्होंने अत्यन्त सफलतापूर्वक किया है । उनके ही उदार दृष्टिकोण के कारण सामाजिक परम्पराएँ एवं मान्यताएँ जीवित हैं । महिलाओं के त्याग, प्रयास और ज्ञान के कारण विद्वानों की यह मान्यता है, कि समाज की वस्तुस्थिति और उसके स्तर की जानकारी, समाज में रहने वाली महिलाओं की स्थिति से जानी व समझी जा सकती है। इस किताब में उन्हीं भारतीय महिलाओं के इतिहास बारे में बताया गया है।

BHDF-101 Hindi Me Aadhar Pathyakram - Khand 1 Bhasha Tatva Aur Bodhan – IGNOU: BHDF - 101 हिंदी में आधार पाठ्यक्रम - खंड 1 भाषा तत्व और बोधन – इग्नू

by Indira Vishvavidyalaya

BHDF 101 हिंदी में आधार पाठ्यक्रम खंड 1 भाषा तत्व और बोधन – इग्नू यह किताब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है । इस खंड में छः परस्पर संबद्ध इकाइयाँ हैं, इस खंड में पढ़ने और समझने के कौशलों का विकास करना है। इसके लिए चार प्रकार के पाठ्यांश चुने हैं। इकाई तीन में विज्ञान से संबंधित एक पाठ है, जो पत्र की शैली में लिखा गया है। इकाई चार और पाँच में सांस्कृतिक और सामाजिक विषयों पर दो पाठ हैं। ये दोनों पाठ निबंध की शैली में हैं। इकाई छह में स्व. श्रीमती इन्दिरा गांधी के 1966 में लाल किले से दिये गये भाषण के अंश हैं। यह पाठ भाषण शैली का नमूना है। इन पाठों के साथ-साथ इन शैलियों की विशेषताओं पर भी चर्चा कर रहे हैं। पाठ में जो कठिन या पारिभाषिक शब्द आये हैं, उनके अर्थ भी दिये गये हैं।

BSWE- 001 Samaj Karya Parichay - Khand 6 Samaj Karyakarta Ke liye Manovigyan Ke Multatva – IGNOU: BSWE- 001 समाज कार्य परिचय - खंड 6 समाज कार्यकर्ता के लिए मनोविज्ञान के मूलतत्व – इग्नू

by Indira Vishvavidyalaya

BSWE- 001 समाज कार्य परिचय - खंड 6 समाज कार्यकर्ता के लिए मनोविज्ञान के मूलतत्व – इग्नू यह किताब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है । इस खण्ड में मनोविज्ञान की अवधारणा और समाज कार्य व्यवहार में उनका प्रयोग के संबंध में परिचय कराया जाएगा। इसकी पहली इकाई 'समाज कार्य व्यवहार में मनोनिज्ञान की प्रासंगिकता' है, जिसमें समाज कार्य व्यवहार में मनोविज्ञान का महत्व और मनोविज्ञान की विभिन्न शाखाओं का वर्णन किया है। दूसरी इकाई ‘मानव व्यवहार की मूल मनोवैज्ञानिक अवधारणाएँ हमको महत्वपूर्ण मनोवैज्ञानिक अवधारणाओं पर सूचना उपलब्ध कराती है। तीसरी इकाई 'प्रतिरक्षा तन्त्र' नाम से है जो मानव व्यवहार में इसके प्रयोग को स्पष्ट करती है और प्रतिरक्षा तन्त्र के परिणामों से अवगत कराती है। चौथी इकाई ‘सामान्यता और असामान्यता' से संबंधित है जो मानव जीवन में असामान्य व्यवहार इसके लक्षण और निदान को समझने में आपकी सहायता करेगी। इसकी पाँचवी और अंतिम इकाई 'सामाजिक मनोविज्ञान की मूलभूत अवधारणाएँ' है, जिसमें सामाजिक समूहों में व्यक्तिगत व्यवहार के संबंध में चर्चा की है।

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